एम्स ऋषिकेश में मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग सप्ताह के दूसरे दिन इन्ट्रेक्टिव सत्र और पैनल डिस्कशन सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। नर्सिंग स्टाफ द्वारा देर सांय तक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मुख्य अतिथि एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि सेवा की दृष्टि से नर्सिंग का क्षेत्र एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। विपरीत परिस्थितियों में रहकर धैर्य और संयम के साथ मरीज के स्वास्थ्य की पर्याप्त देखभाल करना नर्स का पहला कर्तव्य है। संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित इन्टेक्ट्रिव सेशन में ’नर्सेज रोल ऑन पेशेंट सेफ्टी’ विषय पर इग्नू की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. नीरजा सूद ने व्याख्यान देते हुए मरीजों की देखभाल और उसकी स्वास्थ्य संबन्धी पर्याप्त सुरक्षा के बारे में नर्सिंग अधिकारियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मरीज की सही देखभाल के लिए एक परफेक्ट नर्सिंग प्रोफेशनल की आवश्यकता होती है। मरीज की बात पूरी तरह से और सही ढंग से सुनने से वह खुद को रिलेक्स महसूस करता है।
डाॅ. नीरजा ने बताया कि देखभाल के लिए रखी गई नर्स को अपने पेशेंट को जानना बहुत जरूरी है। ताकि उसके सेहत में हो रहे बदलावों को समझकर उसके उपचार में समय रहते बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच रखने से रोगी की मानसिक और शारीरिक स्थिति में काफी सुधार हो जाता है। ऐसा करने से हम मरीज की स्वास्थ्य सुरक्षा शत-प्रतिशत निर्धारित कर सकते हैं।
कार्यक्रम को डीन एकेडेमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने भी संबोधित किया।
उधर, सप्ताह के तहत पैनल डिस्कशन के माध्यम से ’इम्पू्रविंग पेशेंट सेफ्टी एंड क्वालिटी हेल्थ केयर बाई नर्सिंग एक्सलेंस’ विषय पर व्यापक चर्चा की गई। पैनल में डाॅ. पूजा भदौरिया, डाॅ. राजेश कुमार, डीएनएस अखिल टी, एनएस मिस सोनिया और महेश देवस्थले शामिल थे। चर्चा के दौरान कहा गया कि नर्सिंग अधिकारी के तौर पर हेल्थ केयर वर्कर को अपने मरीज के साथ व्यक्तिगत स्तर से स्वास्थ्य देखभाल करने की आवश्यकता होती है। उधर नर्सिंग स्टाफ ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देर सांय तक शमा बांधे रखा। इस दौरान प्रतिभागियों ने विभिन्न राज्यों की संस्कृति पर आधारित स्टेज शो, नृत्य, गीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर नर्सिंग विभाग के डीएनएस, एएनएस, एसएनओ और नर्सिग ऑफिसर शामिल थे।