सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत : शान्ति प्रसाद भट्ट

दिनांक 10 जुलाई 2025 को रिटर्निंग अधिकारी ने टिहरी जिला पंचायत की भुत्सी क्षेत्र से श्रीमती सीता देवी का नामांकन पत्र रदद कर दिया था, भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी ने सीता देवी के खिलाफ एक तथ्य हीन आरोप लगाया था कि “इनका साधन सहकारी समिति (सहकारी बैंक) का अदेयता प्रमाण पत्र फर्जी है”, किंतु उसी समिति ने लिखित में कहा कि जो प्रमाण पत्र हमने जारी किया है वह सही है, और उसके सपोर्ट में एक नया प्रमाण पत्र भी जारी किया, जिसे रिटर्निग अधिकारी ने लेने से मना कर दिया और बिना किसी जांच के सीता देवी का नामांकन पत्र रदद कर भाजपा की प्रत्याशी को विजय घोषित कर प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया था, जिसे सीता देवी ने माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी, माननीय उच्च न्यायालय ने रिटर्निग अधिकारी पर टिप्पणी करते हुए आदेश पारित किया कि सीता देवी का नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है, और भाजपा प्रत्याशी को जीत का जो प्रमाण पत्र दिया गया था उसे रद्द कर दिया ओर *सीता देवी को तत्काल चुनाव चिन्ह आवंटित करने और चुनाव करवाने के आदेश पारित किए थे, किंतु भाजपा प्रत्याशी ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को माननीय सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और आज *उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में सीता देवी के अधिवक्ता अभिजय नेगी, शिग्धा तिवारी, आयुष पोखरियाल ने सीता देवी का पक्ष मजबूती से रखते हुए, विस्तृत बहस की दोनों पक्षों के* *तर्कों को सुनने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी की याचिका खारिज कर सीता देवी के पक्ष में आदेश पारित किया ,यह भाजपा को और उन षडयंत्रकारी ताकतों को आघात लगा है, जो धन बल, बाहुबल से चुनाव को हाइजैक करना चाहते थे।
सीता देवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे जनता जनार्दन ने प्रत्याशी बनाया था, किंतु मुझे नहीं मालूम था कि मेरे साथ इस तरह से कुछ लोग षड्यंत्र करके मुझे चुनाव ही नहीं लड़ने देंगे, मैने और मेरे परिवार ने कभी भी किसी का बुरा नहीं किया हम बहुत साधारण परिवार से है और सभी के साथ विनम्रता से रहते है, किंतु जब गलत तरीके से मेरा नामांकन रद्द किया गया तो उस दिन मानो मां सुरकंडा देवी स्वयं मेरे सामने प्रकट हुई और मेरे अंदर एक अजीब सी ऊर्जा दिखाई दी मैने उसी समय प्रण लिया था कि आज नहीं तो कल मैं चुनाव अवश्य लड़ूंगी मैं जीतूं या हार जाऊं मुझे मंजूर है किंतु इस तरह छल कपट से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने के बाद बेटी को चुनाव तक नहीं लड़ने दोगे तब मै कोर्ट गई, मै आज माननीय उच्च न्यायालय, माननीय सुप्रीम कोर्ट और अपने अधिवक्तागणों अभिजय नेगी जी, सिंगधा तिवारी जी, आयुष पोखरियाल जी, शान्ति प्रसाद भट्ट जी का आभार व्यक्त करती हूं साथ ही श्री अखिलेश उनियाल जी, आमेंद्र बिष्ट जी सहित उन सभी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले भाई बहनों की आभारी हूं, मेरी जनता से भी विनम्र अपील है कि षड्यंतकारियो ने तो मेरी राजनीतिक हत्या कर दी थी कोर्ट ने आपकी दुआओं से बचा लिया है अब आप मुझ पर कृपा करके मेरे चुनाव निशान कप प्लेट पर 24जुलाई को मोहर लगा कर बचा लीजिए। ”
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा और विधायक विक्रम सिंह नेगी ने सीता देवी के केस में दोनों विद्वत उच्चतर न्यायालयों के निर्णयों का स्वागत करते हुए कहा कि हम पहले ही दिन से कह रहे थे कि रिटर्निग अधिकारी ने सत्ता के भारी दबाव में सीता देवी का नामांकन पत्र अवैध रूप से रदद किया है, अब साफ हो गया है, कि भाजपा पंचायत चुनाव में सत्ता का दुरूपयोग कर रही है यह एक स्पष्ट उदाहरण है, भाजपा को अब सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और अपने दल में उन नेताओं को भी चिन्हित करना चाहिए जिन्होंने यह गलत सलाह दी थी।
जौनपुर क्षेत्र के पूर्व जिलापंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल और आमेंद्र बिष्ट* ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देश में यदि न्यायपालिका नहीं होती तो भारतीय जनता पार्टी यूंही लोकतंत्र का गला घोंट देती, सकलाना क्षेत्र आजादी की लड़ाई से लेकर राजशाही के विरुद्ध लड़ाई हो हमेशा सच्चाई के साथ मजबूती से खड़े रहे है, बड़ी निडरता से मजबूत साहस के साथ सच्चाई के साथ रहे है, आज भी सीता देवी जो जनता की प्रत्याशी है, उसे सकलाना क्षेत्र में भरपूर सहयोग आशीर्वाद मिल रहा है, हम सभी सीता देवी के चुनाव निशान कप प्लेट को घर घर तक पहुंचाने में जुटे है।
अधिवक्ता और जिला पंचायत के दोनों पूर्व सदस्य आनंद सिंह बेलवाल और जयवीर सिंह रावत* ने माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद् ज्ञापित करते हुए इस निर्णय को लोकतंत्र की रक्षा का निर्णय बताया, और सीता देवी को बधाई देते हुए जनता से अपील की है कि न्यायालय के निर्णय पर जनता भी मोहर लगा दे तो सोने पर सुहागा हो जाय।
*प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शान्ति प्रसाद भट्ट और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सत्यों विजेंद्र बिष्ट* ने कहा कि “यह असत्य पर सत्य की जीत है, इन न्यायिक निर्णयों से यह साबित हो गया कि भाजपा जो कुचक्र रच रही थी वह झूठ और कपट की बुनियाद पर सत्ता का दुरूपयोग था ।
लोकतंत्र लोकलाज से और संविधान से चलता है, किन्तु भाजपा ने संविधान और लोकलाज की मर्यादा को तार तार कर दिया था “उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन का कार्यकाल विगत 08 माह पूर्व ही समाप्त हो गया था, किंतु सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव नहीं करा सका, कांग्रेस पार्टी पहले ही दिन से कहती रही कि संविधान और एक्ट में व्यवस्था है कि कार्यकाल खत्म होने से पहले निर्वाचन करा लिया जाय, पर भाजपा सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही, अब जब पूरे प्रदेश में चतुर्मास शुरू हो चुका है, भारी बारिश का अलर्ट है, आपदा की जगह जगह आशंका बनी रहती है, चार धाम यात्रा जारी है, कावंड यात्रा आरम्भ हो चुकी तब सरकार और निर्वाचित आयोग को पंचायत चुनाव कराने की याद आ गई और लोग की जान जोखिम में डालकर यह चुनाव करवा रही है।
73वें संविधान संशोधन के भाग 15 अनुच्छेद 324 से 329 तक में निर्वाचन की व्यवस्था की गई है
चुनाव के प्रमुख चरण होते है :
सरकार का काम
परिसीमन, आरक्षण, मतदाता सूची का पुनरीक्षण, अनअंतिम सूची का प्रकाशन,अन्तिम सूची का प्रकाशन करना होता है। फिर
निर्वाचन आयोग का काम
अधिसूचना
(नामांकन, नामांकन पत्रों की स्क्रुटनी, चुनाव चिन्ह आवंटन, निर्वाचन, मतगणना, और परिणाम घोषित करना होता है।