देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से शिष्टाचार भेंट की। इसके अलावा सदन में मौजूद पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों के पास पहुंचकर मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। इधर, सदन शुरू होने से पूर्व कांग्रेस के कुछ विधायक राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विधानसभा की सीढ़ियों में धरने पर बैठ गए। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और चकराता विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष से नियम 58 के तहत राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा की मांग की। हालांकि अध्यक्ष ने कुछ विधायकों को इस मुद्दे पर बात रखने को कहा। इधर, राजधानी में सत्र के पहले दिन ऑटो रिक्शा, विक्रम और सिटी बस महासंघ ने चक्का जाम के साथ प्रदर्शन किया है।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होने के पहले दिन ही कांग्रेस विधायकों ने अपनी मांगो को लेकर विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर धरना दिया। धरना देने वाले विधायकों में उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड़, मदन सिंह बिष्ट, राजेंद्र भंडारी आदि बैठे। विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी नहीं सुनती है। साथ ही बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भी विधायकों ने नाराजगी जताई। ल किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडागर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शेषण हो रहा है। सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए। उधर, सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कांग्रेस के विधायकों को अंकिता भंडारी हत्याकांड और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग रखी। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ विधायकों के नाम चर्चा में शामिल होने के लिए मांगे। लेकिन चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सभी विधायकों की अलग अलग मुद्दे हैं, लिहाजा सभी को चर्चा में भाग लेने की अनुमति दी जाए।