ऋषिकेश । कार्यक्रम के तहत प्री एनेस्थीसिया चेकअप ओपीडी के समीप नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को प्री-एनेस्थीसिया मूल्यांकन का महत्व बताया गया। इसके साथ-साथ उन्हें एनेस्थीसिया टीम की भूमिका को मनोरंजक स्किट की एक श्रृंखला के माध्यम से उजागर किया गया। ज्ञानवर्धक नाट्य प्रस्तुति को मरीजों व तीमारदारों ने खूब सराहा।
इस अवसर पर छाती का दबाव करने की तकनीक के प्रदर्शन के दौरान पीड़ित की मदद करने संबंधी जानकारी दी गई। इस दौरान मौके पर उपस्थित लोगों ने सक्रियरूप से भाग लिया और पुतलों पर छाती के दबाव करने (सीपीआर) का अभ्यास किया।
विभाग की ओर से एनेस्थीसिया प्रश्नोत्तरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया,जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर और बीएससी छात्रों ने बढ़चढ़कर भागीदारी निभाई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डाॅक्टर मीनू सिंह ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। डीन शैक्षणिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि विश्व संज्ञाहरण दिवस वर्ष 1846 में डब्ल्यूटीजी मॉर्टन द्वारा ईथर एनेस्थीसिया के पहले सफल प्रदर्शन की याद में हरवर्ष मनाया जाता है।
आयोजन में संकाय सदस्यों और रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के संकायों में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय अग्रवाल, प्रो. वाईएस पयाल, प्रो. डीके त्रिपाठी, डॉ. अंकित अग्रवाल, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. गौरव जैन, डॉ. अजय कुमार, डॉ. प्रियंका गुप्ता, डॉ. दीपक सिंगला, डॉ. प्रवीण तलवार, डॉ. भावना गुप्ता और डॉ. मृदुल धर आदि उपस्थित थे।