यूपी में बिखरे पंजाबी समाज को एकजुटता की कवायद
पंजाबी संगठन, यूपी की कपूर कंपनी के समीप एक होटल में हुई बैठक में वक्ताओं ने पंजाबी समुदाय के बिखराव और छोटे-छोटे खेमों में विभाजित होने पर गहरी चिंता जताई। सभी वक्ताओं ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा, संगठन में ही शक्ति होती है। बैठक में पंजाबी भाषा, संस्कारों, रीति-रिवाजों, शिक्षा, जॉब्स और वैवाहिक संबंधों सरीखे विषयों पर विचार व्यक्त किए गए। मुरादाबाद समेत यूपी भर में बिखरे पंजाबी समाज को एकजुट करने की जिम्मेदारी पंजाबी संगठन, यूपी के जिलाध्यक्ष श्री वीरेंद्र अरोड़ा, श्री विनोद गुम्बर के संग-संग तमाम पंजाबी समाज के सीनियर्स को सौंपी गई है। शिव सेना के जिला प्रमुख श्री अरोड़ा की ओर से पंजाबी समुदाय के प्रति सेवा, संकल्प और समर्पण के लिए करतल ध्वनि के बीच दुशला ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। पंजाबी संगठन के जिला संयोजक श्री नरेंद्र सिक्का उर्फ हैप्पी ने जल्द ही संगठन के लिए सदस्यता अभियान चलाने का फैसला लिया गया। मीटिंग में श्री विनोद गुम्बर और प्रो. श्याम सुंदर भाटिया की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। बैठक में थोड़ी देरी से पहुंचे श्री गुम्बर बोले, सभी को राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर पंजाबी एकता पर संजीदगी से सोचना होगा। उल्लेखनीय है, श्री गुम्बर का भी पंजाबी समुदाय के कल्याणार्थ अविस्मरणीय योगदान रहा है।
पंजाबी समुदाय की एकता के प्रतीक श्री वीरेंद्र अरोड़ा ने पंजाबी संगठन के महत्व और संगठन के विस्तार पर व्यापक विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, किसी भी कम्युनिटी के लिए एक जुटता जरूरी है। उन्होंने कहा, तीस बरसों से मैं न केवल पंजाबी समुदाय, बल्कि सर्वसमाज की निस्वार्थ सेवा कर रहा हूं। श्री अरोड़ा बोले, युवा शक्ति के संग-संग नारी सशक्तिकरण भी वक्त की दरकार है। उन्होंने श्रीराम मंदिर मुक्ति आन्दोलन से लेकर संभल के हरिहर मंदिर तक के अपने और अपने संगठन के योगदान पर प्रकाश डाला। अंततः बोले, जैसे शरीर में रीढ़ की हड्डी महत्वपूर्ण होती है, वैसे ही बिना संगठन के कोई भी समुदाय अपने हकों के लिए नहीं लड़ पाएगा। मीटिंग में श्री जोगेन्द्र कत्याल, श्री सुमित कत्याल, श्री संदीप बजाज, श्री नीटू टोडा, श्री पोनी सहगल, सरदार गुरदीप सिंह बेदी, श्री महेन्द्र कुमार, श्री केवल सिक्का, श्री सुनील सिक्का, श्री कमलदीप छाबड़ा, श्री भारत अरोड़ा, सरदार इंद्रजीत सिंह, श्री राजू कपूर, श्री विकास छाबड़ा, श्री अजय कंकड़, श्री रूबल सचदेवा, श्री विकास छाबड़ा, श्री विकास भाटिया, श्री आदर्श कथूरिया आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही।