अल्मोड़ा। उत्तराखंड छात्र संगठन ने आरोप लगाया है कि कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही व गैर ज़िम्मेदारी से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे एवं दीक्षा सुयाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा एक दिन की भी पढ़ाई के बिना परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया है।
यहां ज़ारी बयान में उछास नेताओं ने कहा कि सरकार व विश्वविद्यालय द्वारा 11 जुलाई से छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं कराने का कार्यक्रम ज़ारी कर दिया है जबकि इस बीच इसी सेमेस्टर के प्रवेश भी चल रहे हैं। अधिकांश विद्यार्थी अब तक इस सेमेस्टर में प्रवेश तक नहीं ले पाए हैं।
उछास नेताओं ने कहा कि कुमाऊं के अल्मोड़ा कैंपस को मात्र सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय घोषित कर देने से दोनों विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाएं खराब हुई हैं और अल्मोड़ा कैंपस में तो प्रशानिक व्यस्थाओं, पढ़ाई व परीक्षाओं को लेकर भारी असमंजस व्याप्त है और विश्वविद्यालय प्रशासन इन मामलों व छात्रों के भविष्य को लेकर कतई गंभीर नहीं है।
उछास नेताओं ने कहा कि कोरोना काल के दौरान विश्वविद्यालय में परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही और तब अंततः छात्रों का काफी समय बर्बाद करने के बाद बिना परीक्षाएं कराए छात्रों को प्रमोट किया गया है।
उछास ने विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को बंद करने और विश्वविद्यालय पढ़ाई व परीक्षाओं को लेकर स्पष्ट और उचित नीति बनाने की मांग की और चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर उछास विद्यार्थियों के साथ मिलकर इन स्थितियों में सुधार के लिए अभियान शुरू करेगा।
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