मृत आत्माओं की शांति के लिए लघु रूद्र यज्ञ व अखंड रामायण का पाठ करेगी अष्टादश महापुराण समिति

उत्तरकाशी दैवीय आपदा की मार झेल रहा उत्तराखंड की सुख शांति के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी में आज अष्टादश महापुराण यज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि दिनांक 17 से 19 सितंबर 2025 तक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में एकादश ब्राह्मणों द्वारा लघु रुद्र यज्ञ एवं 18 सितंबर से 19 सितंबर तक अखंड रामायण परायण पाठ का आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा जो कि अश्विन की संक्रांति एक गते से प्रारंभ तीन गते अश्विन तक किया जाएगा।
अष्टादश महापुराण समिति के अध्यक्ष हरि सिंह राणा ने कहा कि यह यज्ञ व अखंड रामायण पाठ उत्तरकाशी के आम जनमानस के सहयोग से विश्व शांति, दैवीय आपदा से बचाव हेतु भगवान विश्वनाथ से प्रार्थना की जायेगी। साथ ही इस वर्ष दैवीय आपदा का ग्रास बने लोगों की आत्मा की शांति के लिए इस यज्ञ में आहुति डाली जायेगी।
इस अवसर पर अष्टादश महापुराण समिति के महामंत्री पंडित रामगोपाल पैन्यूली ने इस यज्ञ के बारे में कहा कि “सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका” – अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं। लघु रुद्र यज्ञ का मतलव भगवान शिव अर्थात रुद्र की महिमा का गान करना इससे समस्त जगत के दुखों का नाश कर विश्व शांति व जगत का कल्याण होता है। समिति के सदस्य व संस्कृत महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सरक्षक पंडित डॉ. राधेश्याम खंडूड़ी ने कहा कि अखंड रामायण पाठ सभी बाधाओं को दूर करता है और जीवन में ज्ञान, भक्ति तथा सत्कर्मों को अपनाने की प्रेरणा देता है, जो मोक्ष के मार्ग हैं।
इसलिए प्रभु श्री राम नाम की स्तुति से मृत आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। कार्यक्रम का संचालन समिति के संयोजक प्रेम सिंह पंवार ने किया तथा जानकारी दी इस सम्बन्ध में तैयारी हेतु अगली बैठक 12 सितंबर होगी जिसमें अन्य आयोजन समितियों का गठन भी होगा। इस अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी, समिति के सदस्य रामकृष्ण नौटियाल, जीतवर सिंह नेगी, अरविंद कुडि़याल, रविन्द्र नौटियाल, राजेन्द्र सिंह राव, नत्थी सिंह रावत, प्रभावती गौड़, सुधा गुप्ता, किरन पंवार, राजेन्द्र सिंह पंवार, प्रथम सिंह वर्तवाल, डा. शम्भू प्रसाद नौटियाल, डा. मुकेश नौटियाल, वृजमोहन भट्ट आदि उपस्थित थे।