Uncategorized

विभिन्न जन संगठन एवं विपक्षी दलों ने उठाई मांग- राज्य में सबकी सुरक्षा सरकार की ज़िम्मेदारी

देहरादून सहित बागेश्वर, नैनीताल, ऋषिकेश, रामनगर, पौड़ी, टिहरी, कोटद्वार, अल्मोड़ा, चम्पावत, सल्ट, गोपेश्वर, गैरसैण, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, लालकुआँ, हल्द्वानी, थराली, रुद्रपुर एवं अन्य शहरों में ज्ञापन सौंपते हुए राज्य के जन संगठन एवं विपक्षी दलों ने आक्रोश जताया कि जबसे पुरोला शहर में 26 मई को घटना हुई तबसे सरकार अपना क़ानूनी फ़र्ज़ निभाने के बजाय राज्य में बनाया जा रहा गैर संवैधानिक एवं नफरत के माहौल को ले कर पूरी तरह से मूकदर्शक बन कर बैठी हुई है। हर नागरिक की सुरक्षा सरकार की ज़िम्मेदारी है लेकिन उच्चतम न्यायालय से बार बार सख्त आदेश मिलने के बाद भी और राज्य के विभिन्न शहरों में सांप्रदायिक प्रचार होने के बावजूद सरकार कोई भी कदम उठाते हुए नहीं दिख रही है।

देहरादून में सिटी मजिस्ट्रेट एवं एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस (लॉ एंड आर्डर) को सृष्ट मंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया। कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड महिला मंच के अध्यक्ष कमला पंत ने कही कि किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का यौन शोषण या अन्य अपराध को बर्दाश नहीं किया जा सकता है और इसी मुद्दे पर ही उत्तराखंड के लोग सड़कों पर उतरे थे जब अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी। लेकिन ऐसे घटनाओं के बहाने सांप्रदायिक माहौल बनाना और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाना, यह आपनेआप में आपराधिक काम है। जनवादी महिला समिति के इंदु नौटियाल ने कही कि राज्य में ऐसे माहौल बनाया जा रहा है जिसमें समुदाय विशेष असुरक्षित महसूस कर अपने व्यवसाय को नहीं कर पा रहे हैं, जो बेहद निंदनीय बात है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के समर भंडारी ने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना भी है।

ज्ञापन द्वारा इन मांगों को उठाया गया है: किसी भी अपराध पर निष्पक्ष जांच हो; पुरोला और अन्य शहरों में सामान्य स्थिति बहाल करने और निर्दोष अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस उपाय किए जाएँ; किसी को भी भीड़ की हिंसा या नफरत फैलाने वाले ताकतों पर सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जाये; उच्चतम न्यायालय द्वारा भीड़ की हिंसा रोकने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अफसर नियुक्त करने के निर्देशों का तत्काल प्रभावी तौर पर अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाये; अतिक्रमण हटाने के अभियान को भी, जिस तरह से सांप्रदायिक विभाजन के औज़ार की तरह प्रयोग किया, उस पर भी तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।

देहरादून के कार्यक्रम में उपरोक्त वक्ताओं के साथ CITU के राज्य सचिव लेखराज; CPI(M) के अनंत आकाश; उत्तराखंड  इंसानियत मंच से डॉ. रवि चोपड़ा; चेतना आंदोलन से शंकर गोपाल एवं मुकेश उनियाल; सर्वोदय मंडल से हरबीर सिंह खुश्वाहा; जनता दल (सेक्युलर) के हरजिंदर सिंह; सामाजिक कार्यकर्ता स्वाति नेगी; आदि शामिल रहे।  समाजवादी पार्टी, CPI(मा-ले) एवं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भी कार्यक्रम को समर्थन दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button