उत्तराखंडराजनीति

इंजीनियर किशन लाल पुरोला से दावेदार

पुरोला। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। ऐसे में फिलहाल नेतागणों की दौड़ गांवों की ओर लगी है। ऐसे ही पुरोला विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट के दावेदार पार्टी के जल निगम में अधीक्षण अभियंता रहे एवं वर्तमान में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष इंजीनियर किशन लाल भी क्षेत्र में लगतार सक्रिय हैं। वह कहते हैं कि जिस तेजी स प्रदेश के दूसरे हिस्सों का विकास हुआ है,उसकी अपेक्षा पुरोला विधानसभा क्षेत्र मेंअब भी विकास की दरकार है।

इंजीनियर किशन लाल का कहना है कि पुरोला क्षेत्र तीर्थाटन,पर्यटन के साथ ही लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में अनूठा है।बावजूद इसके वह लोगों के रोजगार का बड़ा जरिया नहीं बन पाया। इसकी वजह ठोस योजना नहीं बन पाने को उन्होंने बड़ा कारण बताया। कहा कि कई मायनों में अनूठे इस क्षेत्र केलोगों को आज भी जरूरी सुवधाओं के लिए मीलों पैदल सफर करना पड़ता है।स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। साधारण बीमारी के लिए भी लोगों को देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है। रोजगारपरक शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। आज भी दर्जनों गांवों में बिजलीऔर पेयजल का अभाव है। उन्होंने कहा कि हालांकि भाजपा सरकार क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन जूदा कांग्रेस विधायक क्षेत्र की समस्याओं और विकास को यथोचित मरीके से सरकार के सामने रखने में नाकाम रहे हैं।

इंजीनियर किशन लाल का कहना है कि बतौर इंजीनियर वह क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर प्लान बना सकते हैं। उन्हें योजनाओं को धरातल पर उतारने का भी अनुभव है। ऐसे में पार्टी ने उन पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया तो वह न केवल जीत हासिल करेंगे, बल्कि पार्टी को अन्य सीटों पर भी लाभ पहुंचाएंगे। इसका कार गिनाते हुए उन्होंने कहा कि बतौर इंजीनियर उन्होंने टिहरी,पौड़ी और कोटद्वार में सेवाएं दी और कई बड़ी पेयजल योजनाओं के निर्माण में योगदान दिया, जिससेजनता के बीच उनेकी गहरी पैठ है।

पार्टी हाईकमान को भेजे अपने बायोडाटा में उन्होंने बतौर इंजीनियर अपने सेवाकाल में किए गए कार्यों का उल्लेख किया है। कहा कि पौड़ी की नानघाट जैसी बड़ी परियोजना उन्होने ही प्रस्तावित की थी और आज उससे सैकड़ों गांवों की प्यास बुझ रही है। राजनीतिक रूप से सेवानिवृत्त होने के बाद 2014 में पार्टी की सदस्यता ली और तब से पार्टी की सेवा में जुटे हैं। गांव-गांव तक सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। कहा कि इस दौरान सैकड़ों लोगों को पार्टी संगठन से जोड़ा और कोरोनाकाल में लोगों के बीच सेवा कार्य करते रहे।
इंजीनियर किशन लाल का विश्वास है किपार्टी के प्रति निष्ठा और क्षेत्र में सक्रियता उनके लिए टिकट का आधार बनेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वह जनसेवा में जुअे हैं,युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, महिलाओं के सिर से काम के बोझ को कम करनेके लिए योजनाएं बना रहे हैं, उससे जनता का उन्हें आशीर्वाद जरूर मिलेगा।

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