उत्तराखंडराजनीति

यह किसानों के अदम्य साहस और संघर्ष की जीत

अल्मोड़ा। तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी के प्रधानमंत्री की घोषणा को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत बताया है।

उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी.तिवारी ने यहां कहा कि केंद्र सरकार व भाजपा नेताओं ने किसान आंदोलन को दबाने व बदनाम करने के खिलाफ लगातार जो सक्रिय साजिशें की उससे देश व दुनिया में मोदी सरकार की जबरदस्त किरकिरी हुई, जिसके चलते प्रधानमंत्री को कानून वापसी की घोषणा करते हुए क्षमा याचना को मजबूर होना पड़ा है,जो जनता की जीत है।

उपपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले सात वर्ष में तानाशाही, मनमानी, दमन व अहंकार का जो प्रदर्शन किया उससे देश की जनता त्रस्त हो गई है, जिसको भांपकर कई प्रदेशों में चुनावों को देखते हुए मोदी जी ने ये फैसला लिया है। जिसका उपपा स्वागत करती है।

उपपा अध्यक्ष ने कहा कि इसके साथ ही देश के किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग व अन्य जन विरोधी कानूनों की वापसी की मांग को भी पूरा करना आवश्यक है।

उपपा ने कहा कि उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी भाजपा सरकार ने कृषि भूमि पर माफियाओं उद्योगपतियों की जमीनें कब्जाने के कानून बनाकर राज्य की अवधारणा व किसानी को चौपट करने का कार्य किया है,जिसके लिए राज्य में सशक्त भू कानून लागू करने की मांग प्रबल हुई है।

उपपा ने सरकार से त्रिवेंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि भूमि की असीमित खरीद के काले कानून को निरस्त करने व उत्तराखंड को अन्य राज्यों की तरह संविधान की धारा 371 के अंतर्गत विशेष संरक्षण देने की मांग की है।

उपपा ने कहा कि किसान आंदोलन की इस ऐतिहासिक जीत का देश के हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और देश में लोकतंत्र मजबूत होगा।

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