अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में शनिवार को यूथ 20 कंसल्टेंसी के तहत कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉक्टर) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में विश्व मोटापा दिवस का आयोजन किया गया। एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि मोटापा भारत और दुनियाभर में एक गंभीर समस्या बन गया है।
बताया गया कि यह बीमारी मधुमेह मेलेटस, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, फैटी लिवर और कुछ कैंसर जैसे बढ़ते मामलों से बढ़ गई है। उन्होंने जोर दिया कि मोटापे पर काबू पाना समय की मांग है। कार्यक्रम में मोटापे और इसके प्रबंधन के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। एम्स ऋषिकेश के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग की ओर से यूथ 20 कंसल्टेंसी के अंतर्गत विश्व मोटापा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। बताया गया कि यह दिवस हर वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है।
कार्यक्रम का उद्घाटन डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी ने किया। जिसमें क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा वार्ता और पैनल चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. जया चतुर्वेदी ने मोटापा कम करने के उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आगाह किया कि जीवनशैली संबंधी विकार वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए एक गंभीर खतरा होगा। उन्होंने समस्या से निपटने की दिशा में की गई इस पहल व इस तरह के रोगी जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना की।
कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों का संचालन एंडोक्रिनोलॉजी की सहायक प्रोफेसर डॉ. कल्याणी श्रीधरन व डॉ. विष्णु द्वारा संयुक्तरूप से किया गया। इसके तहत एंडोक्रिनोलॉजी, जीवनशैली चिकित्सा और समग्र चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा महत्वपूर्ण रही। जिसमें रामकृष्ण सेवाश्रम हरिद्वार के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर स्वामी दयाधिपानंद, एम्स ऋषिकेश में जराचिकित्सा की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मोनिका पठानिया, डॉ. नवदीप आहूजा और डॉ.किरणदीप कौर आदि विशेषज्ञ शामिल हुए। डॉ.स्वामी दयाधिपानंद ने मोटापे को रोकने और इलाज में योग और समग्र चिकित्सा की भूमिका पर जोर दिया। सुश्री साक्षी और डॉ.कविता जैसे पोषण विशेषज्ञों ने भी आहार और स्वस्थ भोजन की सलाह दी। कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में स्वस्थ भोजन, आहार, वजन घटाने के आहार, शारीरिक गतिविधि, योग और ध्यान पर युक्तियों पर चर्चा की गई।