उत्तरकाशी। नटीण गांव (पूर्व में रैथल गांव का हिस्सा) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है जो दयारा बुग्याल ट्रैकिंग, कैपिंग से इतर माना जाएगा। इसके लिए नटीण के प्रधान महेंद्र पोखरियाल जी को बधाई। पैराग्लाइडिंग का सफल प्रयोग करना और उसे पर्यटकों के लिए उपलब्ध करवाना उतनी ही बड़ी उंचाई हासिल करना है जितना पैराग्लाइडर अपने पैराशूट के साथ हासिल करता है। यह संपूर्ण क्षेत्र धार्मिक, साहसिक पर्यटन का गढ़ है। बीते सालों से हम लकीर के फकीर बने हुए हैं। धार्मिक पर्यटन, एक्सपिडिशन के अलावा कुछ सालों से हमने ट्रैकिंग और कैपिंग की तरफ कदम बढ़ाए लेकिन नया व नवाचारी क्या किया इसे बताने में अक्षम है। लेकिन, पैराग्लाइडिंग का यह प्रयोग नवाचार की दिशा में बड़ा कदम है। शायद इस साल दस या पंद्रह लोग ही पैराग्लाइडिंग के लिए यहां पहुंचे, पहुंच दयारा में ट्रैकिंग के लिए बीस साल पहले भी पांच से दस लोग ही थे लेकिन आज दयारा में जाने वालों की तादात हजारों में पहुंच गई है इसी तरह हो सकता है कि कल सिर्फ सैकड़ों लोग नटीण सिर्फ इसलिए ही पहुंचे कि उन्हें पैराग्लाइडिंग करनी है।
मैं हमेशा से इस बात का पक्षकार रहा हूं कि हमें रैथल नटीण को एक वैकेशन डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में काम करना होगा, एक वैकेशन वर्कस्टेशन बनाने के लिए काम करना होगा। जहां लोग परिवार के साथ आएं, कुछ दिन आराम करें, गांव के भीतर ही अलग अलग साहसिक या गैर साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लें और मीठी यादों के साथ वापिस लौटे। हर कोई ट्रैकिंग नहीं कर सकता न हर किसी को शौक है। इसलिए ऐसे नवाचारी प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
ग्राम प्रधान नटीण व नटीण के ग्रामीणों को शुभकामनाएं।
रैथल व नटीण इस दिशा में साथ साथ आगे बढ़कर पर्यटकों को कई सारे बेहतर व यूनिक विकल्प उपलब्ध करवाते रहें, इसी उम्मीद के साथ।