उत्तराखंड

लोगों को बेघर न किया जाए, सरकार अपने वादों को पूरा करे

देहराखास मजदूर बस्ती में आज शाम आयोजित कार्यक्रम में लोग इकट्ठे हुए मज़दूरों ने आवाज़ उठाया कि लगातार मजदूर बस्ती को तोड़ने ओर लोगों को बेघर करने की कोशिश की जा रही है। विनाशकारी एलिवेटेड रोड के नाम पर आज कल सर्वे चल रहा है और लोगों को परियोजना के बारे में जानकारी देने के बजाय उनको बिना कोई नीतिगत कदम उठाते हुए आश्वासन दिया जा रहा है, ताकि वह विरोध न करे। साथ साथ में प्रशासन होटल, रेस्टोरेंट, सरकारी विभागों और अन्य बड़े अतिक्रमणकारियों को बचाने के लिए कोर्ट के आदेशों का अपमान करते हुए मजदूरों को निशाना बना रहे हैं। मनमानी से बिंदाल नदी किनारे बसे मज़दूरों को बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ऐसे दिखाया जाए कि अतिक्रमण पर कार्यवाही हुई है। 2024 में भी ऐसी ही एक प्रक्रिया के बाद प्रशासन ने दावा किया था कि रिस्पना नदी पर बस्तियों में 525 “अवैध घर” हैं। लगातार आवाज़ उठाने के बाद उनको मानना पड़ा कि इनमें से 400 से ज्यादा वैध ही हैं।

सभा में भागीदारी करते हुए वक्ताओं ने सरकार को याद भी दिलाई कि 17 जनवरी को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि एक भी मज़दूर बस्ती नहीं टूटेगी। आठ साल से आश्वासन मिल रहा है कि मालिकाना हक या पुनर्वास का व्यवस्था बनाई जाएगी। उन वादों पर कुछ न कर सरकार उल्टा लोगों को बेघर करने की तैयारी कर रही है।

इसके अतिरिक्त मज़दूरों के लिए बनाये गए कल्याणकारी योजनाओं में भी लगातार मनमानी, नाकामी और भ्रष्टाचार दिख रहा है। पिछले छह महीनों से निर्माण मज़दूर योजना में पंजीकरण ही नहीं हो रहा है।

सभा को निपटाते समय लोगों ने कहा कि इन मुद्दों पर आगे भी आवाज़ उठाते रहेंगे।

जन हस्तक्षेप के बैनर तले आयोजित जन सभा में चेतना आंदोलन से राजेंद्र शाह, शंकर गोपाल, राजेश यादव, इरफान, राम सेवक, दया जी इत्यादि शामिल रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button