उत्तराखंडसामाजिक

सिद्धार्थ पांडेय बने गुफ़्तगू के नए संरक्षक

ग़ाज़ीपुर (दिलदारनगर) के पहले संरक्षक बन गए सिद्धार्थ

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर जिले के दिलदार नगर बाज़ार में रहने वाले सिद्धार्थ पांडेय गुफ़्तगू के नए संरक्षक बन गए हैं। श्री पांडेय दिलदारनगर बाज़ार के प्रमुख चिकित्सक, समाजसेवी कलाप्रेमी स्वर्गीय डॉ. सुधाकर पांडेय जी के पुत्र हैं। ये वर्तमान समय में दिल्ली में एक एमएनसी में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। संगीत और साहित्य में इनकी गहरी अभिरुचि है। युवावस्था से ही से ही ये लेखन और अध्ययन से जुड़े रहे हैं। ग़ज़ल गीत और नज़्म का लेखन करते हैं। धर्म एवं सूफिज्म से इनका विशेष लगाव है। प्रारंभिक शिक्षा दिलदारनगर से हासिल करने के बाद इन्होंने बीएचयू में स्नातक किया है। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। श्री सिद्धार्थ ग़ज़ल और गजलगोई को बढ़ावा देने वाली संस्था मिर्ज़ा ग़ालिब इंस्टीट्यूट ऑफ ग़़ज़़ल लर्निंग के संस्थापक सदस्य भी हैं।
श्री पांडेय के अलावा प्रभाकर द्विवेदी प्रभामाल, अमर राग, मुनेश्वर मिश्र, हसनैन मुस्तफाबादी, ज़फ़र बख़्त, डॉ. पीयूष दीक्षित, आनंद सुमन सिंह, अरुण अर्णव खरे, रामचंद्र राजा, माहेश्वर तिवारी, पंकज के. सिंह, विजय प्रताप सिंह, डॉ. राकेश तूफ़ान, शैलेंद्र कपिल, संजय सक्सेना, मासूम रज़ा राशदी, सरिता श्रीवास्तव, डॉ. मधुबाला सिन्हा, जया मोहन, देवेंद्र प्रताप वर्मा ‘विनीत’, मंजुला शरण मनु, डॉ. उपासना दीक्षित, डॉ. शबाना रफ़ीक  और रामशंकर वर्मा भी ‘गुफ्तगू’ के संरक्षक हैं। ‘गुफ्तगू’ के संरक्षकों को ‘गुफ्तगू पब्लिकेशन’ की सभी पुस्तकें और गुफ्तगू पत्रिका के सभी उपलब्ध पुराने अंक दिए जाते हैं। संरक्षकों का पूरा परिचय फोटो सहित हम एक अंक में छापते हैं और सभी अंक के संपादकीय बोर्ड टीम में उनका नाम छपता है, निधन के बाद भी हम संस्थापक संरक्षक के रूप में उनका नाम प्रकाशित करते हैं।

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