उत्तराखंडदुर्घटना

जिन्होंने चोटियां करनी थी फतह वो ही दफन हो गए

एनआईएम की ओर से द्रोपदी का डांडा गए 21 पर्वतारोही एवलांच में फंसे 10 की मौत की पुष्टि

देहरादून। उत्तरकाशी  जिन्होंने चोटियां जीतनी थी वह ही हुए एक चाेटी में दफन। साहस, रहस्य और रोमांच की जिस यात्रा को शुरू करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सो से पर्वतरोहण की ट्रैनिंग के लिए आए युवा हंसी खुशी द्रोपदी का डांडा पर आरोहण कर रहे थे कि अचानक आए एवलांच से 21 पर्वतारोही बर्फ में दफन हो गए। सूचना मिलते ही रेसक्यू अभियान शुरू हो गया है लेकिन इसमें भी मौसम बाधा बन रहा है अबतक 10 पर्वतारोही की मौत की पुष्टि हो चुकी है । केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री धामी ने  दुर्घटना पर दुख जताया है। उत्तरकाशी में एवलांच आने से एनआईएम में माउंटनियरिंग का बेसिक और एडवांस कोर्स करने गए 29 प्रशिक्षु और प्रशिक्षक मुसीबत में फंस गए। हालांकि सूचना मिलने पर अन्य सदस्यों ने जान जोखिम में डालकर 8 को सुरक्षित स्थान पर ले गए। जबकि 21 अभी भी एवलांच में फंसे होने की बात कही जा रही है। इधर, सरकार के संज्ञानके आने पर हेलीकॉप्टर रेस्क्यू शुरू हो गया है। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे।

उत्तरकाशी आपदा प्रबन्धन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एनआईएम (नेहरू माउंटनियरिंग इंस्टीट्यू) से बेसिक और एडवांस कोर्स कर रहे देशभर के 175 प्रशिक्षु और प्रशिक्षक द्रौपदी का डांडा करीब 13000 फीट ऊंचाई पर प्रशिक्षण को गए थे। जहां वापसी रास्ते में आते वक्त बर्फीली पहाड़ी से एवलांच आ गया। इससे करीब 29 लोग खतरे में फंस गए। साथ चल रहे लोगों ने रेस्क्यू शुरू कर जिला प्रशासन और सरकार को मदद की गुहार लगाई। डीएम उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने बताया कि रेस्क्यू कार्य जारी है। कुछ लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। जल्द सभी को सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे।

 

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