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देहरादून। भाजपा के बारे में जिस तरह खबरें छन कर आ रही है उससे ऐसा लगता है कि दस मार्च को आने वाला चुनाव परिणाम उनके लिए अच्छी खबर लेकर नहीं आ रहा है।
बात गंगोत्री सीट की करें तो वहां भाजपा के कई दिग्गज नेता पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में खड़े नहीं दिखे। कुछ नेता तो डोईवाला और यमुनोत्री में डेरा जमाये रहे तो कुछ ने स्वयं को घरों में ही कैद कर लिया था। वहीं यमुनोत्री सीट से प्रत्याशी केदार सिंह ने तो बकायदा आलाकमान को लिखकर भीतरघात की शिकायत की है। ऐसे मे दोनों सीटों पर भाजपा की राह आसान नहीं लग रही है।
प्रताप नगर मे सीधे भीतरघात की खबरें तो सामने नहीं आई लेकिन वहां ज्यादातर कार्यकर्ता राजेश्वर पैन्यूली को टिकट देने के पक्ष में थे। ऐसे मे उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के लिए उस जी जान से काम नहीं किया जिसके लिए उनकी पहचान है। टिहरी में भी भाजपा के कुछ कार्यकर्ता धन सिंह नेगी के साथ नत्थी हो गए थे जबकी वहां पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी किशोर उपाध्याय थे।
नरेंद्र नगर में भी सुबोध उनियाल का बड़बोलापन उनके लिए भारी पड़ सकता है। वह भाजपा के प्रत्याशी थे। वहीं भाजपा से कांग्रेस मे गए ओम गोपाल रावत अपने सौम्य व्यवहार से लोगों का ध्यान खींचते दिखे। कांग्रेस में शामिल होने पर वह कुछ कार्यकर्ताओं को भी साथ ले गए। ऐसे मे भाजपा की नरेंद्र नगर सीट भी फंसी हुई लगती है।
धनोल्टी सीट पर भाजपा ने प्रीतम पंवार पर दांव खेला। लेकिन वहां भी पूर्व विधायक महावीर रांगड़ ने बागी होकर प्रीतम की राह में मुश्किलें खड़ी की है। डोईवाला मे हालांकि कोई बड़ा भीतरघात सामने नहीं आ रहा है लेकिन यहां संघ के कार्यकर्ता जरूर निशाने पर है।
हरिद्वार जिले में भीतरघात को लेकर सबसे ज्यादा घमासान हे इसे लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अलग अलग लोगों ने पत्र लिखे हैं। सब के निशाने पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक निशाने पर हैं। जिनके कंधों पर पार्टी को जिताने का भार था।
धर्मपुर सीट में तो विनोद चमोली को पार्टी के बागी प्रत्याशी वीर सिंह पंवार ने ही चुनौती दी। यहां कार्यकर्ता चमोली और पंवार में बंटे दिखे, स्थिति यहां तक रहीं कि कार्यकर्ता दोनों के जुलूस में भी शामिल रहे लेकिन उन्होंने वोट किसके लिए मांगा कह नहीं सकते, एसे में धर्मपुर सीट भी भाजपा के हाथ से फिसल जाये तो कोई अनहोनी बात नहीं है।
टिहरी उत्तरकाशी देहरादून और हरिद्वार जिले से आ रही खबरों में भाजपा की स्थिति पतली दिख रही है। इन खबरों मे तनिक भी सच्चाई होगी तो ।0 मार्च को आने वाला परिणाम भाजपा के लिए अच्छे दिन लाने वाला नहीं होगा।