टीएमयू में रिन्यूएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी पर मंथन

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- सीओई के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग विभाग की ओर से इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड फ्यूचर प्रोसपैक्ट इन रिन्यूएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी सिस्टम्स- ईटीएफपीआरएसईएस- 2025 पर पांच दिनी ऑनलाइन फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के टीएमयू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- सीओई के इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग विभाग की ओर से इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड फ्यूचर प्रोसपैक्ट इन रिन्यूएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी सिस्टम्स- ईटीएफपीआईआरएसईएस पर पांच दिनी ऑनलाइन फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम में एक्सपर्ट्स ने सोलर की क्षमता में वृद्धि, साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियां, एआई की मदद से ईवी वाहनों का अपडेशन, एआई और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से ग्रिड की सुरक्षा, सोलर एनर्जी बेस्ड इन्वर्टर का अपडेशन, सौर ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाना, फास्ट ईवी चार्जिंग, स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी के संग-संग इनके कंट्रोल, मॉडल्स वेरिफिकेसन्स, हार्डवेयर टेस्टिंग और इंप्लिमेंटेशन आदि पर मंथन हुआ। एफडीपी के हर सत्र में सवाल-जवाब का दौर भी चला। इस एफडीपी का शंखनाद टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन के सारगर्भित संबोधन से हुआ। एफडीपी में एमआईटी-कर्नाटक से डॉ. अनुपम कुमार ने डयुअल एक्टिव ब्रिज कन्वर्टर, एसआरएम यूनिवर्सिटी, आंध्रप्रदेश सेे डॉ. सत्यवीर सिंह ने नेक्सट जनरेशन पॉवर सिस्टम, बीवीआरआईटी- हैदराबाद से डॉ. प्रशांत कुमार जीना ने साइबर सिक्योरिटी इन र्स्माट ग्रिड, एसईसी- उड़ीसा से डॉ. बिरंची नारायण कर ने र्स्माट मोबिलिटी रिवोल्यूशन, एमआईटी-कर्नाटक से डॉ. अभिनंदन राउत्रे ने लीकेज करेंट मिटिग्रेशन इन सोलर पर अपने-अपने अनुभव साझा किए।
एफडीपी में वक्ताओं ने कहा, ईवी में एआई और एमएल को इंटिग्रेड करके इसकी क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। एआई की मदद से उपभोक्ता जान सकता है कि उसका वाहन कितनी दूर तक जा सकता है और नियरेस्ट चार्जिंग प्वाइंट कहां पर है। वक्ताओं ने परंपरागत ग्रिड को स्मार्ट ग्रिड में बदलने की प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया। ग्रिड में एआई और ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग करके सिक्योर र्स्माट ग्रिड बनाना भी बताया। डुअल एक्टिव ब्रिज के प्रयोग से फास्ट ईवी चार्जिंग और रिन्यूएवल पॉवर इंटिग्रेशन पर भी चर्चा की। एफडीपी में सीओई के डीन प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, कन्वीनर एंड ईई विभाग के एचओडी डॉ. शुभेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. देवंजन रॉय, डॉ. राघवेन्द्र तिवारी, श्री उमेश कुमार सिंह, श्री शशांक मिश्रा, श्री मयूर अग्रवाल आदि शामिल रहे। संचालन स्टुडेंट अंश शर्मा ने किया।




