देहरादून। महिला शक्ति संगठन की बैठक में महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए समूह आधारित स्वरोजगार से जोड़ने का फैसला लिया गया। साथ ही महिलाओं के ऊपर होने वाले हिंसा को रोकने के लिए घर-परिवार से ही जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर सहमति व्यक्त की गई।
मोनाल ऐनक्लवे बंजारावाला में सामाजिक कार्यकर्ता सरिता डोभाल कुडि़याल के आवास पर हुई बैठक में कहा गया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए यह जरूरी है कि वह आिर्थक रूप से भी सशक्त हो। इसके लिए महिलाएं घरेलू जरूरतों के उत्पाद बना सकती हैं। खासतौर पर अचार,मुरब्बा, जैम-जैली बनाकर उनका विक्रय किया जा सकता है।इस तरह छोटे कुटीर उदोग से आतमनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।
कहा गया कि कई बार महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हो ताी हैं। लेककिन अपने अधिकारों के प्रति जानकारी नहीं होने से वह खामोश ही रहती हैं। इससे वह लगतार हिंसा की शिकार होती चली जाती है। महिलाओं के ऊपर होने वाली हिंसा का प्रतिकार करने के लिएजरूरी है कि उन्हें अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी हो। तय किया गया कि महिलाओं के बीच कानूनी शिविरआयोजित कर महिला कानून एवं उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी दी जाए।
संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए यह भी तय किया गया कि प्रत्येक सदस्य हर महीने एक सौ रुपये का अंशदान जमा करेंगी। इस अवसर पर शालिनी राणा को संगठन काअध्यक्ष एवं सरिताकुड़ियाल को उपाध्यक्ष चयनित किया गया। बैठक में रेनू रौतेला , रजनी नेगी, माया सकलानी, मंजू सकलानी, कपिला सकलानी, अनीता सकलानी, रजनी तडियाल आिद उपस्थित थी।