विसंगतियों पर भड़की वीरांगना
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जनपद रुद्रप्रयाग के सभी पूर्व सैनिको एवं सैनिक विधवाओ से अपील है की OROP2 में जो विसंगतिया पाई गयी है वह काफ़ी निंदनीय और सौतेलापन जवानो और JCO के साथ किया गया है.। जो की एक असहनीय कदम हमारे अधिकारी वर्ग में हमारे साथ जो भेद भाव किया गया है. वो काफ़ी निराशा जनक जताया गया है उसके निम्नलिखित बिंदु इस प्रकार से है.
1 – साल 2006 में जिस विधवा की पेंशन 3500 रूपये थी. जो की 2023 में बढ़ाकर 9000 रूपये कर दी गई। वही ऑफिसर की विधवा की पेंशन 5880 रूपये थी . जो की 2023 में बढ़ाकर 78000 रूपये से ज्यादा कर दी गयी। तो साथियो इस प्रकार का भेदभाव JCO और जवानो के साथ किया गया है।
2 – साल 2006 में लड़ाई के दौरान (100%) अपाहिज जवानो को 7000 रुपये डिसिबिलिट्रि पेंशन मिलती थी। आज उसे बढ़ाकर 18000 रुपये कर दिया गया है। वही डिसिबिलिट्रि पेंशन 2006 में ऑफिसर के लिए 17800 रुपये थी। जो की साल 2023 में बढ़ाकर 2,41000 रुपये कर दी गई । साथियो शरीर तो एक जैसा ही है तो फ़िर ये भेदभाव क्यों।
3 – सातवें पे कमीशन में हमारे लिए 2.57 कर दिया गया और ऑफिसर के लिए 2.81 इसमें भी भेदभाव क्यों किया गया।
4 – सातवें पे कमीशन में (MSP ) जवानो के लिए 5200 रुपये दिए जा रहे है। जबकि जवान और JCO को 15,500 रुपये दिए जा रहे है। तो इस प्रकार का भेदभाव क्यों।
5 – OROP 1 में जवानो का पेंशन मात्र 2500 रुपया बढ़ाया गया जो की एक पूर्व सैनिक के लिए उसके परिवार के भरण पोषण के लिए उचित नहीं है। क्योकि जवान 32 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र में पेंशन आ जाते है, जो की कम है और ऑफिसर को 50,000 से ज्यादा का लाभ दिया गया। जबकि उसकी उम्र 58 वर्ष से 60 वर्ष तक होती है। तो इस प्रकार का भेदभाव क्यों।
साथियों OROP 2 का जो बिंदु था वह सिर्फ जवान और JCO के लिए किया गया था। और निराशा से इसमें अधिकारियों द्वारा हस्ताछेप किया गया है. जो की काफ़ी शर्मशार है इस लड़ाई के लिए हमारे वीर जवान और JCO दिल्ली के जंतर मंतर में धरना पर बैठे है। इसके लिए हम सबको अपना सहयोग देना होगा। जिसकी जितनी सामर्थ्य है आर्थिक मदद की जाये। जिसे की धरना पर बैठे जवानों का मनोबल ऊंचा रहे।
आज हम रुद्रप्रयाग के पूर्व सैनिक दिल्ली जंतर मंतर में गए। वहाँ पर सभी राज्यों के पूर्व सैनिक एकत्रित हुए जिनकी संख्या लगभग 7000 से 8000 तक आकि गयी। इस कदम को हमें आगे बढ़ाना होगा जिसे की हमारी मांगे पूरी हो सके। इस लड़ाई को अंजाम देने के लिए आपका सहयोग सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहेगा। इसमें पूर्व सैनिक संगठन रुद्रप्रयाग ने 5000 की सहायता धनराशि जंतर मंतर में बैठे पूर्व सैनिको को समर्पित किया। हम एक बार पून: आग्रह करते है की ( अभी नहीं तो कभी नहीं ) इस लड़ाई को लड़ना होगा और सैनिक एकता जिंदाबाद करना होगा।
इन्ही शब्दों के साथ जय हिन्द जय भारत बंदे मातरम