उत्तराखंड

डीएम ने किया निर्माणाधीन देवराणा पंपिंग पेयजल योजना का निरीक्षण

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन देवराणा पंपिंग पेयजल योजना का निरीक्षण कर इस योजना का लंबित कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने इस योजना के निर्माण में विलंब होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के निर्माण में वन भूमि की स्वीकृति से संबंधित प्रक्रिया पूर्ण होने के फलस्वरूप अब सभी लंबित कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा करना सुनिश्चित किया जाय।

जिलाधिकारी ने पेयजल निगम के अधिकारियों को इस योजना के साथ ही अन्य सभी बड़ी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट हर पन्द्रह दिनों के अंतराल पर उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा है कि जल जीवन मिशन के कार्यों की अब हर पखवाड़े में समीक्षा की जाएगी।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जल जीवन मिशन की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण का सिलसिला शुरू किया है। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने नौगांव ब्लॉक में निर्माणाधीन देवराणा पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण की प्रगति की मौके पर जाकर पड़ताल की।

रू. 15.36 करोड़ की लागत की इस योजना से सात हजार से अधिक आबादी को लाभन्वित किया जाना है। बिल्ला गांव के निकट यमुना तट पर निर्माणाधीन पंपिंग स्टेशन , इंटेक वेल , वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि कार्यों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने काम की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी कर जल निगम के अधिकारियों को आगाह किया कि क्षेत्र के 15 गांवों के लिए बनाई जा रही इस योजना के निर्माण में देरी को अब कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि इस योजना से संबंधित वन भूमि की स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी हो गई है लिहाजा सभी इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन, टैंक, राईजिंग मेन और वितरण लाईनों का काम युद्ध स्तर पर पूरा किया जाय। जिलाधिकारी ने इस योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की भूमि से संबंधित विवाद का तुरंत समुचित निस्तारण कराते हुए सभी निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूरा करने की हिदायत दी और योजना में निगरानी व सुरक्षा से संबंधित उपायों का भी पूरा ध्यान रखे जाने पर जोर दिया।

योजना की कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में वन भूमि की स्वीकृति की प्रक्रिया में विलंब होने के कारण इस योजना का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो सका है। वर्तमान में योजना इंटेक वेल से संबंधित कार्य लगभग पूर्ण है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण में भूमि संबंधी विवाद के कारण प्रभावित हुआ है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले 15 गांवों में कुल 18 टैंक बनाए जाने प्रस्तावित हैं जिनमें से 13 टैंक का निर्माण पूरा हो चका है।

इस दौरान पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता मधुकांत कोटियाल, सहायक अभियंता टीएस भंडारी, हरीश कुड़ियाल आदि भी उपस्थित रहे।

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