पहाड़ी भोजन सभी रेस्तरां में हों अनिवार्य
पहले एप्पल फ़ूड फेस्टिवल में बोले यमुनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत
दंहरादून। यहां आयोजित पहले एप्पल फ़ूड फेस्टिवल में पहुंचे यमनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि यह पहाड़ी भोज कम से कम विधान सभा की भोजन सामग्री में सम्मिलित होना चाहिए। विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान ऐसा प्रस्ताव रखा कि पहाड़ी भोजन की अनिवार्यता सभी रेस्तरां और अन्य सरकारी रसोइयों में यानी गढ़भोज को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाना चाहिए। इससे राज्य की किसानों और अन्य लोगो के हाथों में स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उत्पन्न होगा। उन्होंने एप्पल फ़ूड फेस्टिवल को भविष्य में और अच्छे व बड़े आयोजन के रूप में करने के लिए अपने सहयोग की स्वीकृति दी है। साथ ही मौजूद आयोजन के प्रमुख योगेश ऋचा बधानी व उनके सहयोगियों को शुभकामनाये दी है।
पहले एप्पल फूड फेस्ट में तलासे गये आर्थिकी के रास्ते
युवा हिमालय और पहाड़ के अन्य युवाओं ने देहरादून में ठेट पहाड़ी अंदाज में एप्पल फूड फेस्ट मनाया है। उल्लेखनीय यह है कि उत्सव अपने आप में एकदम नया और अनोखा रहा है क्योंकि पहली बार इस तरह का आयोजन देहरादून में हुआ है। खास बात यह रही कि आयोजन में पंहुचे सभी लोग शुल्क अदा करके आये हैं। यहां परोसा गया उत्पाद भविष्य में बाजार का रूप लेगा। ऐसा माना जा रहा है।
आयोजन के मुख्य संयोजक योगेश और ऋचा बधानी की उत्कृष्ट सोच का यह एक प्रकार का सफल परिणाम कहा जा रहा है। कोरोना के बाद आयी दूरी और उत्साह की कमी को दूर करने में भी इस उत्सव ने अहम भूमिका निभाई है। पहाड़ के जैविक अन्न से बने लाजवाब व्यंजनों ने भूले बिसरे पहाड़ी स्वाद की याद उन सभी लोगों को दिलवा ही दी जो पहाड़ से तो आये मगर फिर कभी लौटे नहीं हैं। जिन लोगों ने इस आयोजन में शिरकत नहीं की है वास्तव में उन्होंने पहाड़ी स्वादिष्ट व्यंजनों के स्वाद का एक अच्छा अवसर खो दिया।
सेब से बने केक ने जीभ का स्वाद बढ़ाया तो सेब के जूस ने गले की तरावट को। सीड़े और अश्के ने हमारी दादी नानी की यादें तरोताज़ा कर दी। फिर बारी आयी भोजन की। दाड़िम की चटनी के चटकारे के साथ दाल के पकोड़े, दाल से भरी मंडुवे की पौष्टिक रोटी और साथ में भरवा पूरी, चरधान का भात और लाल छिमी की दाल, सेब और सूखे मेवे से भरा-पुरा कस्टर्ड एकदम लजीज़। इधर पहाड़ी उत्पादों की जानकारी देने में नरेश नौटियाल को पूरे दिनभर फुरसत नहीं मिली। आयोजन में पंहुचे लोग पुनः ऐसे उत्सव को बड़े स्तर पर करने की मांग कर रहे थे।
एप्पल की पकौड़ी, भरवां मंडुआ की रोटी और चटनी आदि अन्य खाद्य पदार्थो के लिए यह सफलतापूर्वक मंच रहा है। ऑर्गेनिक सेब के रस सहित सब कुछ कितना स्वादिष्ट था। यह सुनिश्चित करना किसी की भी जिम्मेदारी नहीं कही जा सकती है। इस दौरान न केवल पहाड़ी खाना बल्कि आतिथ्य सत्कार में भी कोई कोर कसर नहीं थी। वास्तव में पहाड़ी महिलाओं और भोजन को यह व्यवसायिक मंच प्रदान किया गया है।
रंवाई घाटी के बेहतरीन सेब उनसे बने उत्पाद की प्रदर्शनी व उत्सव अपने-आप मे अनोखा प्रयोग दिखा.0। इस आयोजन में दिनेश रावत, प्रकाश उप्रेती,प्रम पंचौली,प्रदीप रावत,दीपक कन्डारी पहाड़ी, नरेश नौटियाल, आशी डोभाल,श्वेता बधानी, मंजूटम्टा, विनयगुप्ता आदि ने पूरी व्यवस्था को मेले का रूप दे दिया था। ,