उत्तराखंड

नई टिहरी में स्वतंत्रता संग्राम सैनानी श्रद्धेय भूदेव लखेड़ा जी की 100वीं जयंती, धूम धाम से मनाई गई

भारत तथा टिहरी गढ़वाल के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई व्यक्ति औपनिवेशिक सत्ता और दमनकारी रियासतों की संयुक्त ताकतों के खिलाफ़ डटकर खड़े हुए। इन वीर व्यक्तियों में भूदेव लखेड़ा भी शामिल हैं, जो एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिनके योगदान ने न केवल उनके निकटवर्ती क्षेत्र- टिहरी गढ़वाल- की दिशा तय की, बल्कि संप्रभुता के लिए भारत की लड़ाई के व्यापक आख्यान में भी गूंज उठे।

लखेड़ा जी ने एक साथ दो युद्ध छेड़े, एक रियासत के अत्याचारी शासन के खिलाफ़ और दूसरा ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ़, यह उन अनगिनत भारतीयों की अदम्य भावना का उदाहरण है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।

*भारत की स्वतंत्रता के बाद, लखेड़ा जी ने एक अलग क्षमता में अपने समुदाय की सेवा करना जारी रखा। शासन और स्थानीय प्रशासन के मामलों में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें आठ साल तक टिहरी गढ़वाल में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर विराजमान रखा,इस भूमिका में उन्होंने स्थानीय शासन को आकार देने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में भाग लेने के लिए ग्रामीण आबादी को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एक स्वतंत्रता सेनानी से स्थानीय प्रशासन में एक नेता के रूप में परिवर्तन, लोकतंत्र और स्वशासन के सिद्धांतों के प्रति लखेडा जी की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वे जनता के उत्थान के लिए समर्पित रहे, यह सुनिश्चित करते हुए कि स्वतंत्रता के लाभों को जमीनी स्तर पर महसूस किया जाए।

*स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लखेड़ा जी की कार्य कुशलता की पवित्र भावना ने अदम्य साहस और प्रेरणा का संचार किया। वे उत्पीड़न के समय में आत्मनिर्णय और समानता की वकालत करते हुए अपने साथी देशवासियों के लिए आशा की किरण बनकर खड़े रहे। स्वतंत्र भारत के लिए उनका नेतृत्व और दृष्टि टिहरी के लोगों के दिलों में गहराई से गूंजती थी, जिन्होंने देश के इतिहास के एक महत्वपूर्ण युग के दौरान उनका साथ दिया। उन्होंने जो बलिदान दिए, वे स्वतंत्रता के लिए उनके अटूट समर्पण का प्रमाण हैं, एक विरासत जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

*भूदेव लखेड़ा से जुड़ा पारिवारिक गौरव उनके छोटे भाई मदन मोहन लखेड़ा की उपलब्धियों से और बढ़ जाता है। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में सेवा करते हुए, मदन मोहन जी ने राष्ट्र के प्रति सेवा और समर्पण के लिए एक मानक स्थापित किया। एडजुटेंट जनरल के पद पर उनकी उल्लेखनीय पद ने उन्हें टिहरी गढ़वाल से ऐसा प्रतिष्ठित पद प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति बना दिया। इसके अतिरिक्त, गढ़वाल मंडल के पहले राज्यपाल के रूप में उनकी वर्तमान भूमिका राष्ट्र के प्रति सेवा की लखेड़ा परिवार की समृद्ध विरासत को रेखांकित करती है।

*भूदेव लखेड़ा जी के जीवन पर विचार करने से पुरानी यादें और उनकी कहानियाँ न केवल हमें हमारी स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाती हैं, बल्कि समुदाय के प्रत्येक सदस्य के भीतर एक महान उद्देश्य की सेवा करने की क्षमता को भी उजागर करती हैं। कीर्ति नगर ब्लॉक के जखण्ड गाँव के इस उल्लेखनीय परिवार की विरासत इस बात की एक सम्मोहक याद दिलाती है कि कैसे एक व्यक्ति का प्रभाव पीढ़ियों को पार कर सकता है, एक क्षेत्र की पहचान और लोकाचार को आकार दे सकता है।

भूदेव लखेड़ा की स्मृति में, हम वीरता, नेतृत्व और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता की एक शानदार वंशावली का सम्मान करते हैं। उनके योगदान को हमेशा टिहरी गढ़वाल के इतिहास के एक अभिन्न अंग के रूप में याद किया जाएगा। हम उनकी स्थायी विरासत को सलाम करते हैं, क्योंकि उनका जीवन देशभक्ति और समाज के प्रति समर्पण की सच्ची भावना का उदाहरण है।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रजामंडल के सद्स्य, टिहरी गढ़वाल जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत भूदेव लखेड़ा जी की 100वीं जन्म जयंती पर प्रति वर्ष की भांति “पंचायतश्री सम्मान समारोह” भूदेव लखेड़ा स्मृति मंच द्वारा मुख्य आयोजन देहरादून में आहूत है, किंतु टिहरी जिले के प्रबुद्ध जनों ने आज जिला कांग्रेस कार्यालय नई टिहरी में श्रद्धेय लखेड़ा जी के चित्र पर पुष्पअर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर पंचायतों की दशा दिशा पर एक विचार गोष्ठी हुई, जिसकी अध्यक्षता जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश राणा ने* की तथा *जिला पंचायत टिहरी के माननीय उपाध्यक्ष मान सिंह रौतेला इस आयोजन के मुख्य अतिथि रहे।

इस गोष्ठी में वक्ताओं ने भूदेव लखेड़ा जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए पंचायतों की दशा दिशा पर व्यापक चर्चा की, इस अवसर पर गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि “श्रद्धेय लखेड़ा जी हम सबकी शान थी, वे पूरे जिले को दिशा देने का काम करते थे, स्वतंत्रता संग्राम के इस महानायक को हम नमन करते है।

*स्मृति मंच के पूर्व सचिव शान्ति प्रसाद भट्ट* ने कहा कि श्रद्धेय लखेड़ा जी की जन्म जयंती का आयोजन वर्ष 2006 से “पंचायत श्री सम्मान समारोह “के रूप में किया जाता रहा है, आज उनकी 100वीं जन्म जयंती है, हम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते है, और त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का आह्वाहन करते है कि वे पंचायतो की मजबूती के लिए हर संभव कार्य करे।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख *विजय गुनसोला* ने कहा कि “जब हम जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत में कार्य कर रहे थे, तब हम लखेड़ा जी के अनुभवों का लाभ लेकर आगे बढ़ते थे, महान विभूति को शत शत नमन।

टिहरी जिला पंचायत के उपाध्यक्ष *मान सिंह रौतेला* ने कहा कि हम नए प्रतिनिधि पंचायतों में निर्वाचित होकर आए है, लखेड़ा जी की अनुभूति हमे जिला पंचायत के सदन में होती है, हमे उनके द्वारा तत्समय नौकरी पर लगाए गए कर्मचारी बताते है कि कैसे लखेड़ा जी पूरे जिले के सामाजिक राजनैतिक और भौगोलिक परिदृश्य से वाकिव थे, उन्हें हर ब्लॉक की समस्याओं का अध्ययन था।

ऐसी महान विभूति को मै अंतर्मन से नमन करता हूं।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख *प्रदीप रमोला* तथा पूर्व कनिष्ठ उप प्रमुख कुलदीप पंवार ने कहा कि नौजवानों के लिए लखेड़ा जी प्रेरणा श्रोता है, उनके अनुभव जब सुनते है, तो हमे ऊर्जा मिलती है ऐसी महान विभूति को हम शत शत नमन करते है।

जिला पंचायत के सदस्य विजयपाल रावत ने कहा कि ” पंचायतों में हम सब मिलकर लखेड़ा जी की जीवनी से प्रेरणा लेकर अपना कार्य करे, यह हम पंचायत प्रतिनिधियों की सामूहिक जिम्मेदारी है ।

एनएसयूआई के *जिलाध्यक्ष अरुण* टम्टा ने संयुक्त रूप से कहा कि हमें युवाओं को आगे लाना होगा तभी हम पंचायतों को और वर्तमान सामाजिक राजनैतिक परिदृश को सुदृढ़ कर सकते है।
*इस अवसर प्रतापनगर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला को पंचायत श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।*
श्री प्रदीप रमोला ने पंचायतों के अपने अनुभव साझा किए।
बुद्धिजीवीप्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती *ममता उनियाल* ने कहा कि जब मैं शिक्षक नेता थी तब लखेड़ा जी जिला पंचायत के अध्यक्ष थे और उनकी कार्यशैली से मै भलीभांति परिचित हूं वे हर वर्ग समाज को साथ लेकर चलते थे उनका विराट अनुभव था और वे सत्य बोलते थे यही उनकी खासियत थी महान विभूति को नमन
भिलंगना क्षेत्र से श्रीमती *मुन्नी बिष्ट* ने गोष्ठी में अपने विचार रखे ।
क्षेत्र पंचायत की पूर्व प्रदेश महामंत्री सदस्य श्रीमती *दर्शनी रावत* ने कहा कि “जब मै क्षेत्र पंचायत निर्वाचित हुई तब मैने लखेड़ा जी के संदर्भ में सुना और उनके पंचायतो के अनुभवों को पढ़ा तो ज्ञात हुआ कि वे विराट अनुभव के धनी है,हम सब उनसे प्रेरणा लेते है, और ऐसी महान विभूति को आज उनकी जन्म जयंती पर भाव पूर्ण स्मरण कर उन्हें नमन करते है।
इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष मान सिंह रौतेला, जिलाध्यक्ष राकेश राणा, पूर्व जिलाध्यक्ष शान्ति प्रसाद भट्ट, प्रदेश महामंत्री पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला, जिला पंचायत सदस्य विजयपाल रावत,पूर्व प्रमुख प्रदीप रमोला,कनिष्ठ उप प्रमुख/शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप पंवार, पीसीसी सदस्य देवेंद्र नौडियाल, मुशर्रफ अली *,महिला* *कांग्रेस अध्यक्ष आशा रावत* , प्रदेश महामंत्री दर्शनी रावत , मुन्नी बिष्ट, ममता उनियाल, प्यारी नेगी, लक्ष्मी नेगी, असाढी देवी,आनंद सिंह राणा, भीम सिंह सजवान, सुंदर लाल उनियाल, श्याम लाल, अर्जुन सिंह राणा, विजय राणा, कुशला नंद उनियाल, सरताज अली, रोशन लाल , अशद आलम, सरताज अली आदि उपस्थित रहे।

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