
नई टिहरी। टिहरी शहर एवं कई गांवों को जलमग्न करने के बाद टिहरी बांध सेमुनाफा कमानेवाली टीएचडीसी के खिलाफ एक बार फिर बांध प्रभावितों ने हल्ला बोल दिया है।
कहा कि टीएचडीसी ने हमेशा हमारे हक हकूको एवं अधिकारों पर डाका डालने का काम किया है। टीएचडीसी की इस दमनकारी नीति के आगे हमेशा शासन प्रशासन बेबश होकर नतमस्तक रहा है। कहा कि अब तो नौबत यहां तक आ पड़ी है कि हमारे माननीय विधायक गणों की भी टीएचडीसी अनदेखी कर रही है।उन्हें संपार्श्विक क्षति नीतिसमितिसे भी बाहर का रास्ता दिखादिया गया है। भविष्य मे अगर टिहरी बांध के कारण कोई भी समस्या उत्पन्न होती है तो उसका निवारण संपार्श्विक क्षति नीति के तहत किया जाता है। अब संपार्श्विक क्षति नीति से अगर हमारे विधायक गणों को बाहर कर दिया है तो हमारी आवाज समिति तक कौन पहुंचाए? सागर भंडारी (संरक्षक), दीपक थपलियाल (अध्यक्ष) एवं रीना कोहली (प्रधान ग्राम भल्डियाणा) ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी आवाज़ खुद बुलंद क अपने हक हकूको एवं अधिकारों की रक्षा के लिएएकजुटहोकर हल्ला बोलें। इसके लिए सभी प्रभावितोंएवंआमलोगों से समर्थनकीदरकार की गई है।
प्रभावितों की मांगे:
1. विस्थापन् एवं पुनर्वास से संबंधित सभी लंबित मांगे पूर्ण हों।
2. समस्त टिहरी जिले को निशुल्क बिजली एवं पानी दिया जाए।
3. निर्बल आवास मे पुनर्वासित परिवारों को मालिकाना हक दिया जाए।
4. वाल्मीकि समुदाय के परिवारों को पशु पालन हेतु एक अलग स्थान आवंटित किया जाए।
5. टिहरी गढ़वाल के युवाओं को टीएचडीसी/ एनटीपीसी मे स्थाई रोजगार दिया जाए।
6. ग्रामसभा भल्डियाणा के पात्रता से वंचित एकमात्र परिवार को हनुमंत राव कमेटी की शिफारिशों के आधार पर पुनर्वासित किया जाए।
7. संपार्श्विक क्षति नीति मे पात्रता निर्धारण 2021 की तिथि से ही किया जाए।