उत्तराखंड

महिला आरक्षण विधेयक को दूर की कोड़ी बना कर देशभर की महिलाओं को ठगने का काम किया भाजपा ने: श्रीमती दर्शनी रावत

केंद्र की भाजपा सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन) में जो व्यवस्था की है, उससे स्पष्ट हो गया कि महिलाओ को 33%आरक्षण अब दूर की कौड़ी हो गई है,वर्ष 2029_2030से पहले किसी भी महिला को कोई आरक्षण लोक सभा और राज्य विधान सभा में नही मिल सकता है, इस विधेयक से भाजपा ने महिलाओं को ठगने जैसा काम किया है, और लटकाने, भटकाने और अटकाने पर मुहर लगा दी है।

यदि भाजपा महिलाओं की सच्ची हिमायती होती तो महिला आरक्षण विधेयक को शीघ्र लागु कर सकती थी, किंतु वर्ष 2024लोकसभा और पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में महिलाओं के वोट हासिल करने के लिए भाजपा 9साल बाद यह विधेयक लायी, जबकि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था, और पिछले 9सालो से सत्ता में है, किंतु अब जब चुनाव सर पर आ गए और सत्ता खिसकती दिखी तब महिलाओं की याद तो आई किंतु उन्हें 2029तक का इंतजार करवा दिया, सोचिए जो महिला वर्ष 2024 में चुनाव लड सकती थीं उसकी उम्र 2029 में क्या होगी? इससे देशभर की अनेकों महिलाएं निर्वाचन प्रक्रिया से ही बहार हो सकती है ।

पूर्ववर्ती कांग्रेस की राजीव गांधी जी की सरकार और फिर नरसिम्हा राव जी की सरकार ने पंचायतों और निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था कर दी थी, और लोक सभा, विधान सभाओ में महिलाओं के लिए 33%आरक्षण विधेयक को राज्य सभा से पारित भी करवा दिया था, किंतु लोकसभा में बहुमत न होने के कारण तब यह पास नही हो सका था, किंतु भाजपा के पास विगत 9सालों से दोनो सदनों में पर्याप्त बहुमत होने के बाद भी महिला आरक्षण विधेयक को अपनी राजनैतिक महत्वकांछा के कारण 2029 तक लटका दिया है, यह सम्भव तह पहला विधेयक होगा जो पक्ष विपक्ष ने पास किया और वह पास होने के कई वर्षो बाद लागु होगा?

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