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होटल में कमरा बुक करना कहीं पड़ ना जाये मेंहगा

ऑनलाइन ठगों ने शुरू कर दी है नकली वेबसाईट बनाकर लोगों को ठगना

ऑनलाइन ठगी के अधिकतर मामलों में देखा जाता है कि लोग असली और नकली Website की पहचान नहीं कर पाते और अक्सर लुभावने ऑफर्स के कारण फर्जी साइट के जरिए ठगी का शिकार हो जाते है। इसी तरह से *आजकल साइबर ठगों द्वारा नामी होटलों की Website से हू-बहू मिलती जुलती फर्जी Website तैयार कर तथा होटल की लोकेशन, आकर्षक तस्वीरें आदि उक्त फर्जी वेबसाइट पर अपलोड कर Online ठगी की जा रही है। जालसाजों द्वारा फर्जी वेबसाइट पर असली वेबसाइट से संबंधित Link और U.R.L भी कुछ शब्दों के बदलाव के साथ हू-बहू प्रयोग किया जा रहा है। लोग असली नकली वेबसाइट की पहचान न कर जालसाज द्वारा तैयार की गई नकली वेबसाइट पर होटलों की बुकिंग कर Online ठगी का शिकार बनते जा रहे है।* इसी प्रकार से कुछ हैकरों द्वारा नामी व महंगे होटलों की वेबसाइट को भी हैक कर ऑनलाइन ठगी की जा रही है।
            उल्लेखनीय है कि आगामी 03 मई से प्रदेश में चारधाम यात्रा प्रारंभ होने जा रही है तथा चारधाम यात्रा को लेकर यात्रा रूट से संबंधित होटलों पर आजकल विभिन्न प्रदेशों से यात्रियों द्वारा ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है, ऐसे में होटल व्यवसायियों को साइबर ठगों से सुरक्षित रहने के साथ-साथ अपनी वेबसाइट को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से लोग फर्जी और असली वेबसाइट में फर्क खोज पाएंगे साथ ही साइबर ठगी के शिकार से बच सकेंगे।
1 अधिकतर फर्जी E-mail वेबसाइट में शब्दों की स्पेलिंग गलत लिखी होती है, इसलिए पहले ध्यान से वेबसाइट की स्पेलिंग को देखें और जानकारी क्रॉस चेक करें। किसी भी अनजाने/संदिग्ध Link पर Click न करें।
2 साइबर ठग मशहूर कंपनी के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट तैयार कर लोगों को Link भेजते है इसलिए जब कभी भी संदेह हो तो वेबसाइट के डोमेन नेम को जरूर जांच लें। इसके अलावा Internet पर Search के माध्यम से मिलान करें।
3 आजकल ठग असली वेबसाइट से मिलता-जुलता U.R.L फर्जी साइट में उपयोग करते है, ऐसे में अगर साइट का U.R.L ‘https’ से शुरू होता है तो यह असली वेबसाइट है, जबकि फर्जी और असुरक्षित साइट ‘http’ से शुरू होती है। इस प्रक्रिया में साइट का U.R.L और हाइपरलिंक पॉपअप के रूप में दिख जाएगा और आपको वेबसाइट पहचानने में मदद मिलेगी।
4 यदि आपको किसी भी साइट पर कोई भी जानकारी (Contact no, E-mail आदि) मौजूद ना मिले तो समझ जाए की वेबसाइट फर्जी हो सकती है इसके अलावा आप इंटरनेट पर  transparencyreport.google.com सर्च कर किसी भी साइट के सुरक्षित करने के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकतें है । साथ ही संदिग्ध वेबसाइट में नीचे स्क्रॉल कर कॉपीराइट संबंधी जानकारी अवश्य देखें औऱ साइटो पर बुकिंग के दौरान पब्लिक रिव्यू को ध्यान से पढें । वही जो साइट ओरिजिनल होती है उनके U.R.L के आगे लॉक का निशान आवश्य चैक करें।
5 अपने गूगल अकांउट को सुरक्षित करने के लिए 2-STEP VERIFICATON मोड को लागू करें।
 साइबर सम्बन्धित अपराधो से बचने के लिए सतर्क औऱ सुरक्षित रहे ।

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